Shrimad Bhagwat Mahapuran Author – Shrimad Bhagwat is the crown jewel of Indian literature. It seems as if the path of devotion narrated by Lord Shukdev to Maharaj Parikshit is just a step. Every verse of this has the fragrance of Shri Krishna's love. It has a wonderful collection of various inspirational anecdotes along with Sadhana-Knowledge, Siddha-Gyan, Sadhana-Devotion, Siddha-Bhakti, Maryada-Marga, Anugrah-Marga, Dvaita, Advaita Sammandhi. This complete book - a means of Kalisantaran - is available in two volumes along with the original gem, Hindi translation, worship method, Bhagwat Mahatmya, Aarti, various uses of the reader.
श्रीमद्भागवतमहापुराण ग्रन्थाकार—श्रीमद्भागवत भारतीय वाङ्मयका मुकुटमणि है। भगवान् शुकदेवद्वारा महाराज परीक्षित् को सुनाया गया भक्तिमार्गका तो मानो सोपान ही है। इसके प्रत्येक श्लोकमें श्रीकृष्ण-प्रेमकी सुगन्धि है। इसमें साधन-ज्ञान, सिद्ध-ज्ञान, साधन-भक्ति, सिद्धा-भक्ति, मर्यादा-मार्ग, अनुग्रह-मार्ग, द्वैत, अद्वैत समन्वयके साथ प्रेरणादायी विविध उपाख्यानोंका अद्भुत संग्रह है। कलिसंतरणका साधन-रूप यह सम्पूर्ण ग्रन्थ-रत्न मूलके साथ हिन्दी-अनुवाद, पूजन-विधि, भागवत-माहात्म्य, आरती, पाठके विभिन्न प्रयोगोंके साथ दो खण्डोंमें उपलब्ध है।